माँ की शायरी
माँ तो खेर माँ होती है
तुम्हारी भूख तुमसे पहले जान लेती है
तुम्हारी उदासी झट से पहचान लेती है
कितना भी करो बुरा बर्ताव उस से
वो हमेशा तुम्हारा खयाल रखती है
माँ तो खैर माँ होती है
जब भी तुम्हें अकेलापन महसूस हो
जब गम के बादल मंडरा रहे हो
जब कोई और तुम्हारे साथ न हो
तब वो माँ होती है
जो तुम्हारी सारी बलाये लेती है
पापा को नई बाइक के लिए मनाना हो
या फिर
मूवी जाने के लिए ट्यूशन बहाना हो
बैचेन रातों में खुद को सुलाना हो
माँ हमेशा तुम्हारे साथ रहती है
माँ तो खैर माँ होती है
रिजल्ट्स में कम मार्क्स आए
तो कोई बात नहीं माँ है ना
गर्लफ्रेंड के बारे में पापा को पता चल गया
तो कोई बात नहीं माँ है ना
हॉस्टल में रहते हुए पैसे कम पड़ गए
तो कोई बात नहीं माँ है ना
वो सब संभाल लेती है
माँ तो खैर माँ होती है
जब वो मेरे साथ थी तब उसकी फिक्र मैंने कभी नहीं की
लेकिन अब वो साथ नहीं है
तब उसकी कमी खलती है
“बेटा खाना खाया तुमने?”
यही बात वो हमेशा सपने में पूछती है
मैंने कहा था ना
happy mothers day to all
माँ की शायरी
