my life my shayari hindi- ज़िंदगी

न थोड़ा न ज्यादा,  मुझे बेहिसाब लिखना है ।

मेरे ज़िंदगी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

मुसकुराते लबों से जो आँसू पिए थे मैंने ।

तनहाईयों में खुद से बाते जो की थी मैंने ।

मेरे उस हर एक सवाल का जवाब लिखना है ।

मेरी ज़िंदगी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

मंजिल है  दूर मुझे यही बताया गया

फूलों के नाम पर मेरे राहों पर जो बिछाया गया ।

उन काँटों को भी कली-ए-गुलाब में लिखना है ।

मेरे ज़िंदगी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

शबनम का रूप लेकर जो मेरे दामन से ढलने लगी थी ।

शोला बनकर मेरे सीने में जो जलने लगी थी ।

गम के उस आग को प्यार से लिखना है

मेरे जिंदगानी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

मुहब्बत के जाल में कुछ यूं फसता गया मैं ।

इश्क के नाम पर ठगता गया मैं ।

अब उस हर एक दिन को रात में लिखना है ।

मेरे ज़िंदगी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

गमों के काले साये में खुशी का सवेरा कभी नही आया ।

मुझे तोड़ने के बाद वो मेरे ज़िंदगी में कभी नहीं आया ।

टूटी हुई उस उम्मीद पर सच का दाग लिखना है

मेरे ज़िंदगी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

कुछ पाने की चाह में बहुत कुछ छूट गया  ।

मैंने देखा हुआ हर सपना टूट गया ।  

उसी टूटे हुए सपने को जोड़कर लिखना है ।

मेरे ज़िंदगी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

अब पीछे मुड़कर देखता हूँ तो बस खाक ही नजर आता है ।  

जहां देखू वहाँ बस तबाही का मंजर नजर आता है  ।

 उन्ही बंजर आंखो से अब बहुत कुछ लिखना है ।

मेरे ज़िंदगी पर मुझे एक किस्सा लिखना है ।

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